बारिश की बूंदो ने इस कदर भिगोया मुझे की अतीत के घाव कुछ ठन्डे हो गए
आखो से गिरते हुए आंसू बारिश की बूंदो मे खो गए
हवा के झोके ने उन गिरती हुयी भटकी हुई बूंदो की बौछारो को दिशा कुछ इस कदर दी जिसे देख कर लगा मैं भी हो लू उनमे दिशा तो मै भी भटक गयी हुँ ।

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